इन धरती के लालों ने, चीरा बंजर धरती को, तलवों में आ गयीं दरारें, तब धरती की दरारें मिटाते हैं।... इन धरती के लालों ने, चीरा बंजर धरती को, तलवों में आ गयीं दरारें, तब धरती क...
मुख न मोड़ें कभी निज दायित्वों से, खुश होकर करें सदा इनका निर्वाह। मुख न मोड़ें कभी निज दायित्वों से, खुश होकर करें सदा इनका निर्वाह।
शब्द महज आज भी बस शब्द ही हैं और तुम आज तलक बस ख़्वाब... शब्द महज आज भी बस शब्द ही हैं और तुम आज तलक बस ख़्वाब...
हमारे मन में क्यों समाता यह जीवन है, यहाँ कुछ मिलेंगे, कुछ बिछड़ेंगे और फिर कुछ मिलेंगे ............ हमारे मन में क्यों समाता यह जीवन है, यहाँ कुछ मिलेंगे, कुछ बिछड़ेंगे और फिर क...
मैं बिंदु हूँ एक जगह ठहरा हूँ पर वास्तव में बहुत गहरा हूँ मैं बिंदु हूँ एक जगह ठहरा हूँ पर वास्तव में बहुत गहरा हूँ
श्रम करके अपने बल पर दो वक्त की रोटी पाना चाह रहा हूं। श्रम करके अपने बल पर दो वक्त की रोटी पाना चाह रहा हूं।